भारतीय परिदृश्य में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की उपयोगिता
व्यावसायिक पाठ्यक्रम विभिन्न प्रकार की शिक्षा और प्रशिक्षण का उल्लेख करते हैं जो एक उद्योग की विशिष्ट आवश्यकताओं से मेल खाते हैं। इन पाठ्यक्रमों का प्रमुख उद्देश्य कौशल निर्माण, कैरियर विकास तथा आत्म-विकास है। ये विशेष रूप से उद्योग और नियोक्ताओं की कुछ विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। व्यावसायिक क्षेत्रों में आवश्यकता के आधार पर बहुत अधिक भिन्नता है। कई व्यावसायिक पाठ्यक्रम एक उद्योग या पेशे में प्रवेश के लिए अनिवार्य हैं। ये कोर्स पार्ट टाइम या फुल टाइम हैं और लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म हो सकते हैं।
ये पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग, प्रबंधन, कानून, जनसंचार माध्यमों, दवा, अस्पताल आदि जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए उद्योग के संदर्भ में एक अच्छी तरह से परिभाषित कैरियर प्रदान करते हैं। बायोटेक्नोलॉजी कैरियर के विकास के लिए उपलब्ध प्रमुख वैकल्पिक अवसरों से एक है।
बायोटेक्नोलॉजी: बेहतरीन गैर पारंपरिक कैरियर विकल्प
बायोटेक्नोलॉजी ने भारत में महत्वपूर्ण जगह बना ली है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी को जोड़ता है। यह औद्योगिक प्रक्रिया में कोशिकाओं और जीवाणुओं जैसे जीवित जीवों का उपयोग करता है। बायोटेक्नोलॉजी पेशेवर हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं, जिसमें क्लीन और सुरक्षित ईंधन विकसित करना, फसल की पैदावार में सुधार, खाद्य पदार्थों के उत्पादन में सुधार, घातक बीमारियों से निपटने के लिए दवाओं का विकास करना आदि शामिल हैं। इस क्षेत्र के तहत संभावित क्षेत्र जैसे कि, फार्मास्यूटिकल, फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और रिसर्च से संबद्ध कार्य शामिल हो गये हैं। आप हेल्थकेयर, जेनेटिक्स या क्लीनिकल रिसर्च में जा सकते हैं। कृषि, पशुपालन, पोषण, सौंदर्य प्रसाधन, समुद्री जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन आदि के क्षेत्र में कई सरकारी और निजी उद्योग जैव प्रौद्योगिकी में डिग्री वाले उम्मीदवारों को नियुक्त करते हैं। आप बिक्री और विपणन, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रशासन, प्रयोगशाला सहायक या क्षेत्र तकनीशियन के रूप में भी काम कर सकते हैं।
उक्त क्षेत्रों के अलावा भी अन्य कई फ़ील्ड्स में बायोटेक्नोलॉजी के योगदान को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता है. चाहे वह बायोफ़र्टिलाइज़र्स, बायोपेस्टीसाइड्स, ग्रीन रेवोलुशन या आईटी की फ़ील्ड में रेवोलुशन लाने वाली बायोइन्फॉर्मेटिक्स से संबंधित मुद्दे हों, बायोटेक्नोलॉजी भारत के युवा वर्ग के लिए रोज़गार के ढेरों अवसर उपलब्ध करवा रही है। निम्नांकित विभिन्न क्षेत्रों में बायोटेक्नोलॉजी के छात्र कार्य कर सकते हैं और व्यावसायिक उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं:
Ø कृषि अनुसंधान सेवाएँ Ø जैव प्रौद्योगिकी फर्म Ø चिकित्सा अनुसंधान एवं प्रयोगशालाएँ Ø प्लांट जेनेटिक्स रिसर्च सेंटर Ø दवा कंपनियां Ø प्रसारण कंपनियों Ø नैदानिक अनुसंधान संगठन Ø कॉलेज / विश्वविद्यालय Ø राष्ट्रीय उद्यान संरक्षकों | Ø पर्यावरण प्रबंधन और संरक्षण Ø फार्म प्रबंधन संगठनों Ø किण्वन उद्योग Ø उर्वरक और रसायन संयंत्र Ø खाद्य संस्थान Ø हर्बल उत्पाद कंपनियाँ Ø अनुसंधान और विकास फर्म Ø वैज्ञानिक और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता |
संस्थान का चयन
व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु संस्थान का चयन संस्थान में उपलब्ध सुविधाओं एवं भविष्य की संभावनाओं के आधार पर करना चाहिए। दाउदनगर महाविद्यालय की निम्नलिखित विशेषताओं को देखते हुए बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए यह एक उपयुक्त संस्थान है:
- आधुनिक सुविधाओं से युक्त बायोटेक्नोलॉजी प्रयोगशाला की सुविधा
- नवनिर्मित कंप्यूटर लैब की सुविधा
- अनुभवी एवं कुशल शिक्षकों की उपलब्धता
- अनुमंडल का एकमात्र मगध विश्वविद्यालय अंगीभूत महाविद्यालय
- बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु न्यूनतम योग्यता:
10+2/ इंटरमीडिएट की परीक्षा विज्ञान वर्ग में न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण।
- पाठ्यक्रम की अवधि:
बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम की अवधि 6 सेमेस्टर (3 वर्ष) है।
- प्रवेश प्रक्रिया:
बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में छात्रों का प्रवेश मेधा सूची अथवा प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जाएगा।
सुमित कुमार मिश्रा संयोजक, बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी असिस्टेंट प्रोफेसर, वनस्पति शास्त्र विभाग दाउदनगर कॉलेज, दाउदनगर |
डॉ. रविंद्र कुमार सह संयोजक, बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी असिस्टेंट प्रोफेसर, इतिहास विभाग दाउदनगर कॉलेज, दाउदनगर |